बसन्त की जवानी उफान पर है......गाँव जवार होलियाया है....छोट,बड़,धनी,गरीब..सब तैयारी में हैं...काल्ह खेदन नवेडा से फोन किये अपनी मेहरारु को..
"आहो सन्टुआ के माई..देखो ना, शिवगंगा, सेनानी आ सद्भावना में कहीं टिकसे नहीं मिल रहा है... कइसे आएं हम हो?"
संटूआ के माई खिसिया के कही है.. "पैदल चल आइये ..भा टेम्पो आ रेक्सा से...बाकी फगुआ में रहना एकदम जरूरी है ......नाहीं तो पुआ के जगह खिचड़ी बना देंगे..सब होली मुहर्रम हो जायेगा...अरे आगि ना लाग जाये अइसन नोकरी के.. बरिष बरिष के दिन भी टाइम आ टीकस नहीं मिल रहा।.
भौजी का खिसियाना जायज है....कल से घर साफ़ कर रहीं..आँगन बुहार रही हैं....चुनमूनवा और खुश्बुआ को नया कपड़ा खरीदी हैं..तनिक छोटा हो गया है..
अब जावो न सहतवार बदलने के लिये..अभी गेंहू धोना है..सुखाना है...सूजी मैदा तो गाँव से ही खरीद लेंगी..केतना काम है होली तक..हे काली माई शक्ति दे देना भौजी को तनी।
इधर गाँव घर के बाहर मौसम का मिजाज बदलायमान होकर ऐसा असर किया है कि आदमी से लेके पशु पक्षी और खेत से लेके खरिहान पर नशा चढ़ गया है..
खेत में सरसों के पत्ते से लेके मटर तक एक दूसरे से बतीया रहें हैं.. ..कहीं आम के फूल..महुआ के मोजर से कह रहे हैं..."तुम को देखते ही रोम रोम हिलने लगता है..."
जामुन के फूल आसमान की ओर ताक के हंसते हैं तो ऐसा लगता है,मानों कह रहें हों.
"ए भाई फेसबुक टीवी बन्दकर देखो न एक बार हम कितने सुंदर हैं".
बगल में मटर के पौधे हिलते हैं..मानों आज उनकी आपातकालीन बैठक हो रही हो..
"अबे होली तक सब शांति से रहने का है..नहीं तो चुपके से सब घुघनी बनाके चाय के संगे खा जायेगा" ..हाय रे दुःख।
इधर गेंहू के बाल में जान आ गया है......जब फगुनहट बहता त नवकी भौजी का पल्लू सम्भरले नही सम्भराता है.....छोटका देवरवा माजा लेने के लिये छेड़ता है..."ए भौजी हमू डालेंगे न होली में "?
भउजी पल्लू सम्भाल के तड़ाक से कहतीं हैं...."भाक्क्..एकदम मउगे हो गयें हैं का.."?
खेत में सरसों के पत्ते से लेके मटर तक एक दूसरे से बतीया रहें हैं.. ..कहीं आम के फूल..महुआ के मोजर से कह रहे हैं..."तुम को देखते ही रोम रोम हिलने लगता है..."
जामुन के फूल आसमान की ओर ताक के हंसते हैं तो ऐसा लगता है,मानों कह रहें हों.
"ए भाई फेसबुक टीवी बन्दकर देखो न एक बार हम कितने सुंदर हैं".
बगल में मटर के पौधे हिलते हैं..मानों आज उनकी आपातकालीन बैठक हो रही हो..
"अबे होली तक सब शांति से रहने का है..नहीं तो चुपके से सब घुघनी बनाके चाय के संगे खा जायेगा" ..हाय रे दुःख।
इधर गेंहू के बाल में जान आ गया है......जब फगुनहट बहता त नवकी भौजी का पल्लू सम्भरले नही सम्भराता है.....छोटका देवरवा माजा लेने के लिये छेड़ता है..."ए भौजी हमू डालेंगे न होली में "?
भउजी पल्लू सम्भाल के तड़ाक से कहतीं हैं...."भाक्क्..एकदम मउगे हो गयें हैं का.."?
इधर पिंकिया आ मंटुआ का एग्जाम खतम हो गया..मने बड़का टेंसन खतम हुआ..
अंतिम दिन खूब नकल हुआ मंटुआ का तो गोड़ जमीने पर नहीं था..अब 80% से कौन रोक लेगा जी.
आ पिंकिया आतना खुश थी की का कहल जाय..पानी पीने के बहाने हैण्डपाइप पर आई आ मंटू राजा को देखकर धीरे से कही..
अंतिम दिन खूब नकल हुआ मंटुआ का तो गोड़ जमीने पर नहीं था..अब 80% से कौन रोक लेगा जी.
आ पिंकिया आतना खुश थी की का कहल जाय..पानी पीने के बहाने हैण्डपाइप पर आई आ मंटू राजा को देखकर धीरे से कही..
-ए मंटू
का?
-एकदम हीरो जइसन लग रहे हो..
बक्क..
सही कह रहे आँखि किरिया
-तुम भी तो एकदम अलिया भट्ट जइसा लग रही हो..उससे भी सुंदर।
चुप रहो..सब देख रहे..
पता है मंटू आज न जाने कातना दिन बाद तुमको एतना करीब से देख रहे हैं..मने का कहें।
आ सुनों जी..कइसा लेटर लिखते हो जी कि मेरे पढ़ने से पहले ही सबका मोबाइल में पहुंच जाता है...एकदम लाज हया नहीं न."?
-अरे पगली सब महंगा वाला मोबाइल में उ सिस्टम है..पइसा वाला लोग रखता है..तुमको नहीं बुझाएगा।
-अच्छा जाने दो....ए मंटू..होली में रंग लगाने आवोगे न..?
-हाँ हाँ...बस तुम्हारे बाउजी से डर है..देख लिये तो सब होली रक्षाबंधन हो जाएगा।
ए मंटू पिछले साल वाला याद तुमको होली के दिन..
-भक्क..याद मत दिलावो बहुते लाज लगता है।
ओहो हो..मेरी मंटू कुमारी देखो तो जरा केतना शरमा रही है..
आई लव यू मंटू
लव यू टू पिंकी।
का?
-एकदम हीरो जइसन लग रहे हो..
बक्क..
सही कह रहे आँखि किरिया
-तुम भी तो एकदम अलिया भट्ट जइसा लग रही हो..उससे भी सुंदर।
चुप रहो..सब देख रहे..
पता है मंटू आज न जाने कातना दिन बाद तुमको एतना करीब से देख रहे हैं..मने का कहें।
आ सुनों जी..कइसा लेटर लिखते हो जी कि मेरे पढ़ने से पहले ही सबका मोबाइल में पहुंच जाता है...एकदम लाज हया नहीं न."?
-अरे पगली सब महंगा वाला मोबाइल में उ सिस्टम है..पइसा वाला लोग रखता है..तुमको नहीं बुझाएगा।
-अच्छा जाने दो....ए मंटू..होली में रंग लगाने आवोगे न..?
-हाँ हाँ...बस तुम्हारे बाउजी से डर है..देख लिये तो सब होली रक्षाबंधन हो जाएगा।
ए मंटू पिछले साल वाला याद तुमको होली के दिन..
-भक्क..याद मत दिलावो बहुते लाज लगता है।
ओहो हो..मेरी मंटू कुमारी देखो तो जरा केतना शरमा रही है..
आई लव यू मंटू
लव यू टू पिंकी।
ये भी पढ़ें - मंटूआ-पिंकीया की असली प्रेम कहानी
fesbuk band kar denge to kayise aapka likha padhenge .T.V.to band kar diye .
ReplyDeleteIt was very useful for me. Keep sharing such ideas in the future as well. This was actually what I was looking for, and I am glad to came here! Thanks for sharing the such information with us.
ReplyDeleteबहुत आभार..ये ब्लॉग अब अपडेट नहीं होता..इसके लेख आप अब http://www.atulkumarrai.com पर पढ़ सकतें हैं
DeleteWhat you're saying is completely true. I know that everybody must say the same thing, but I just think that you put it in a way that everyone can understand. I'm sure you'll reach so many people with what you've got to say.
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